| विभागान्तर्गत महत्त्वपूर्ण योजना 2010-11 | 
        
            | (1) महादलित विकास योजना:- बिहार महादलित विकास योजना
                    के अन्तर्गत राज्य के वास रहित महादलित परिवारों को वास हेतु भूमि उपलब्ध करायी जा
                    रही है। इस योजना के अन्तर्गत रैयती भूमि की क्रय नीति के तहत् 20,000.00 (बीस हजार)
                    रूपये प्रति 3 डिसमिल भूमि प्रति परिवार के लिए क्रय कर वास रहित महादलित परिवारों
                    को उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य में 74,404 महादलित परिवार भूमि क्रय कर वास भूमि
                    उपलब्ध कराने हेतु सर्वेक्षित हैं। इन परिवारों के लिए 20,000.00 (बीस हजार) रूपये
                    प्रति डिसमिल प्रति परिवार की दर से भूमि क्रय हेतु चालू वित्तीय वर्ष में 52,0127,000.00
                    रूपये का बजट उपबंध प्राप्त था। योजना एवं विकास विभाग द्वारा 4000.00 लाख रूपये वापस
                    लिये जाने के कारण अब इस योजना के लिए 12,01127000.00 रूपये का बजट उपबंध रह गया है। 
 इसके अन्तर्गत अद्यतन सर्वेक्षण प्रतिवेदन के अनुसार -49017 वासरहित महादलित परिवारों
                    केा गैरमजरूआ खास/मालिक भूमि से अच्छादित किया जाना है इसके लिए कुल-1448.98 एकड़ भूमि
                    चिन्हित की गयी है। इसी प्रकार 32820 वैसे परिवार है जिन्हे गैरमजरूआ आम भूमि की बन्दोवस्ती
                    से अच्छादित किया जाना है। इसके लिए 1179.43 एकड़ चिन्हीत है।
 
 
 (2) गृहस्थल योजना:- इसके अन्तर्गत राज्य के सुयोग्य श्रेणी के परिवार
                    जिन्हें वास हेतु अपनी भूमि नहीं है, उन्हें 3 डीसमिल भूमि रैयती भूमि का अर्जन कर
                    उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना में विभिन जिलों को 5.00 करोड़ रूपये की राषि आवंटित
                    की गई है। अब तक इस योजना के अन्र्तगत 815 वास भूमि रहित सुयोग्य श्रेणी के परिवार
                    को लाभवित किया गया है। गृहस्थल योजना का एक साथ कार्यन्वन रैयती भूमि का अर्जन करके
                    किया जाता है।
 
 (3) संपर्क सड़क योजना:- इसके अन्तर्गत राज्य के वैसे टोले/ग्राम
                    जिनका संपर्क मुख्य पथ से नहीं है, वैसे संपर्क पथ विहिन टोलों/ग्रामों को संपर्क पथ
                    के द्वारा मुख्य पथ से इस योजना के अन्र्तगत जोड़ा जाता है। यह योजना रैयती भूामि का
                    अर्जन करके पूरी की जाती है।
 
 (4) भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण योजना:- इसके अन्र्तगत कम्प्यूटर
                    के माध्यम से भू-अभिलेखों का संधारण, अद्यतीकरण तथा अद्तन अभिलेखों की कम्प्यूटरीकृत
                    प्रति आम रैयतों को उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम के द्वारा वर्षों पूर्व संधारित
                    भू-अभिलेखों को अद्यतन करते हुए इसे सी0डी0 में संधारित किया जायेगा। क्योकि हस्तलिखित
                    अभिलेख लगातार इस्तमाल में लाए जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो रहे है।
 
 पूर्व में संचालित भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण योजना के अन्र्तगत बिगत साढे़ वर्षों
                    में राज्य के कुल-45740 राजस्व ग्रामों में से 21144 राजस्व ग्रामों के डाटा इन्ट्री
                    कार्य पूरा किया गया है।
 
 (5) सर्वे मानचित्र का डिजिटाईजेसन:- इसके अन्र्तगत सर्वे मानचित्र
                    को क्षतिग्रस्त होने से बचाने हेतु मानचित्र का डिजिटाईजेसन किया जा रहा है। सर्व प्रथम
                    पाइलट प्रोजेक्ट के अन्र्तगत मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी अंचल के 1152 सर्वे मानचित्रों
                    को डिजिटाइज किया गया है। पुनः दुसरे चरण में भोजपुर बक्सर रोहतास तथा कैमूर जिले के
                    14672 सर्वे मानचित्रों को डिजिटाईज कराया गया है। सी0डी0 में संधारित डिजिटाईज मानचित्रांे
                    को खतियान के डाटा के साथ इन्टीग्रेट करने की योजना है उपर्युक्त चार जिलों के सभी
                    अंचलों में डिजिटाईजेसन कार्य हेतु सौफ्टवेयर स्थापित किया जायेगा जिसके फलस्वरूप सूलभता
                    से राजस्व मानचित्रों की आपूति की जा सकेगी।
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